दिल्ली के 90 स्कूलों ने नर्सरी क्राइटीरिया डीओई वेबसाइट पर नहीं किया अपलोड

 


दिल्ली के 90 स्कूलों ने नर्सरी क्राइटीरिया डीओई वेबसाइट पर नहीं किया अपलोड


राजधानी 1709 निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी व पहली कक्षा में दाखिले की रेस शुक्रवार को शुरू हो गयी। शिक्षा निदेशालय की सख्ती के बाद भी तय समय बीतने के एक दिन बाद भी 90 स्कूलों ने क्राइटीरिया डीओई (डिपार्टमेट ऑफ एजुकेशन) की वेबसाइट पर अपलोड नहीं किया है। 


 

इस कारण करीब डेढ़ लाख सीटों पर दाखिले के लिए पहले दिन अभिभावक बेहद परेशान दिखे क्योंकि अधिकतर स्कूलों ने क्राइटीरिया में प्वाइंट अलग-अलग रखे हैं।  अभिभावकों में सबसे अधिक उलझन नेबरहुड प्वाइंट को लेकर है क्योंकि स्कूल घर से स्कूल की दूरी गूगल मैप, स्कूल बस का रूट या फिर कालोनी के हिसाब का मापदंड अपना रहे हैं। 

घर से स्कूल की दूरी पर फंसा पेंच 
पूर्वी दिल्ली के प्रीत विहार स्थित यूनिवर्सल स्कूल में शुक्रवार सुबह नर्सरी दाखिला संबंधी जानकारी लेने पहुंचे अभिभावकों का कहना था कि नेबरहुड प्वाइंट पर घर से स्कूल की दूरी समझ नहीं आ रही है। 

परेशान अभिभावकों का कहना है कि दस स्कूलों में आवेदन करने के लिए क्राइटीरिया जांचा तो सब घर से स्कूल की दूरी में अलग-अलग प्वांइट बता रहे हैं। सोनाक्षी नाम की महिला ने बताया कि वह घर से स्कूल की दूरी मापने के लिए कार से सभी स्कूलों के चक्कर काट रही हैं ताकि सही जानकारी मिल सके। कई स्कूल बस रूट से भी घर की दूरी माप रहे हैं। 

कई स्कूलों ने अपने आसपास की कालोनियों की सूची के आधार पर भी नेबरहुड तय किया है। ऐसे में यदि उनकी कालोनी स्कूल की सूची में शामिल नहीं होगी तो उनके बच्चे का दाखिला मुश्किल हो जाएगा। 

कुछ स्कूल गर्ल चाइल्ड को दे रहे अतिरिक्त अंक
नर्सरी दाखिला आवेदन में कुछ स्कूल गर्ल चाइल्ड के लिए अतिरिक्त अंक दे रहे हैं। स्कूलों ने गर्ल चाइल्ड को अतिरिक्त अंक देने पर प्रोस्पेक्टस में लिखा है कि जेंडर बैलेंस के चलते उन्होंने यह फैसला लिया है। इसलिए अभिभावकों को सलाह दी जाती है कि वह गर्ल चाइल्ड होने पर आवेदन पत्र ध्यान सें भरें क्योंकि उन्हें इसके अतिरिक्त अंक मिल सकते हैं। 

नेबरहुड पर स्कूल कर रहे आदेश का उल्लंघन
शिक्षा निदेशालय की सख्ती व अदालत के निर्देश के बाद भी स्कूलों ने घर से स्कूल की दूरी में अलग-अलग प्वाइंट से अभिभावकों को उलझा दिया है। स्कूल प्रबंधन स्कूल -घर की दूरी गूगल मैप, स्कूल में दर्ज कालोनी से स्कूल की दूरी और बस रूट से किलोमीटर के आधार पर माप रहे हैं। ऐसे में अभिभावक परेशान हैं कि वह किसे सही समझें। डीओई को इस संबंध में साफ निर्देश देना जरूरी है।